Monday 27 September 2010

स्टरलाइट टेक्नो में 30% प्लस

स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज (बीएसई कोड – 532374, एनएसई कोड – STRTECH) में इधर एक तरह की चाल बनती हुई नजर आ रही है। हालांकि पिछले ही महीने 3 अगस्त को उसने 124.20 रुपए पर 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर हासिल किया है। इस समय गिरकर 99.95 रुपए पर आ गया है। लेकिन बाजार के जानकारों के मुताबिक इसमें फिर हलचल बढ़ने जा रही है और यह 130 रुपए तक जा सकता है। यह अनिल अग्रवाल से जुड़ी वेदांता समूह की कंपनी है। पावर कंडक्टर और ऑप्टिकल फाइबर केबल बनाती है। इनका इस्तेमाल बिजली व टेलिकॉम क्षेत्र में होता है और ये दोनों ही क्षेत्र बराबर बढ़ रहे हैं और बढ़ते ही रहेंगे।

कंपनी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ऑप्टिकल फाइबर से लेकर पावर कंडक्टर की क्षमता बढ़ाने के काम में लगी है। क्षमता विस्तार पर वह करीब 400 करोड़ रुपए खर्च करेगी। कंपनी के पास इस समय 2600 करोड़ रुपए के ऑर्डर हैं। इसका 70 फीसदी हिस्सा बिजली क्षेत्र से आया है। उसकी मुख्य ग्राहक अभी तक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां रही हैं। लेकिन धीरे-धीरे वह निजी क्षेत्र को भी अपने दायरे में ले रही है।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 में 2431.63 करोड़ रुपए की आय पर 246.07 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। चालू वित्त वर्ष में जून 2010 की पहली तिमाही में उसकी आय 491.76 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 55.58 करोड़ रुपए रहा है। कंपनी का ठीक पिछले बारह महीने (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 7.19 रुपए है। उसके शेयर की बुक वैल्यू 26.42 रुपए है। इस तरह शेयर इस समय बुक वैल्यू से 3.78 गुना और ईपीएस से 13.9 गुना चल रहा है। लेकिन अगर साल भर का नजरिया रखें तो वित्त वर्ष 2011-12 में इसका ईपीएस 9.3 रुपए होगा। वह भी तब पहले जारी किए वारंटों के शेयर में बदलने से इक्विटी बढ़ चुकी है। भावी संभावना के आधार पर ही शेयर के 130 रुपए तक जाने का आकलन किया गया है।

Thursday 23 September 2010

कल का बीमा है आईडीबीआई

आईडीबीआई बैंक (बीएसई कोड – 500116, एनएसई कोड – IDBI) में निवेश के बारे में हम पिछले दो महीने से लिख रहे है। चक्री चमत्कार कॉलम में इसे खरीदने की सलाह बराबर दी जाती रही है। 7 जून को जब हमने खुलकर इसे खरीदने को कहा था, तब इसका भाव था 111.90 रुपए। और, यह बढ़ते-बढ़ते कल 52 हफ्ते की चोटी 147.30 रुपए पर पहुंच गया। हालांकि बंद हुआ 146.50 रुपए पर। असल में 1 सितंबर को जब से इसने चालू व बचत खातों पर लगभग सारे शुल्क खत्म करने का फैसला किया है, तब से इसकी चाल तेज हो गई है। हर दिन थोड़ा-थोड़ा बढ़ रहा है।
हम पहले भी कह चुके हैं और अब भी कहते हैं कि आईडीबीआई बैंक भविष्य में स्टेट बैंक से टक्कर लेने की सामर्थ्य रखता है। इसलिए इसे मौजूदा स्तर भी ले लेना लंबे समय के लिए फायदे का सौदा है। हालांकि अगर आपने हमारी सलाह पर 7-8 जून के आसपास इसे खरीद लिया होगा तो आपको 30 फीसदी से अधिक का फायदा अब तक ही मिल चुका होगा।
सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है। लेकिन रंग-ढंग में निजी क्षेत्र के बैंकों एचडीएफसी बैंक या आईसीआईसीआई बैंक से कमतर नहीं है। इसने खुद को विकास के कामों से जुड़ी वित्तीय संस्था से बैंक के रूप में तब्दील किया है। ब्रांडिंग जबरदस्त तरीके से की है। हाथी और बच्चे वाला विज्ञापन याद है न। कामकाज का बेहद प्रोफेशनल रवैया है। बीमा कंपनी या म्यूचुअल फंड जहां भी हाथ डाला, एकदम संजीदा तरीके से काम कर रहा है। यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक के विलय के बाद इसे कई साल पहले ही रिटेल ग्राहकों का अच्छा आधार मिल चुका है। इस समय आईडीबीआई बैंक का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 11.28 रुपए और इसका शेयर 12.99 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। इसके शेयर की बुक वैल्यू ही इस समय 117.79 रुपए है।
आगे की बात करें तो बैंक चालू ब बचत खातों (कासा) की संख्या बढ़ाकर अपने फंड की लागत घटाने में लगा है। यह सच है कि उसकी कुल जमा में कासा का योगदान 14 फीसदी के आसपास है। लेकिन वह इसे तेजी से बढ़ाने में लगा है और अभी तक की सूचना के मुताबिक इस महीने से की गई पहल पर उसे ग्राहकों का अच्छा रेस्पांस मिल रहा है।
बैंक में सरकार की इक्विटी 52.67 फीसदी है, जबकि घरेलू संस्थाओं के पास इसके 20.08 फीसदी शेयर हैं। बैंक अपने नए सीएमडी आर एम मल्ला के नेतृत्व में आगे भी कई नई पहल करने वाला है। थोड़े में बस इतना ही कहना है कि इस शेयर को लंबे समय के लिए बटोर कर रख लेना चाहिए। यह सुरक्षा देने में किसी भी अच्छी से अच्छी बीमा पॉलिसी से कम नहीं साबित होगा।
(सौ. : अर्थकाम)

Sunday 12 September 2010

Polaris: Buy for a target of Rs211

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